सेब की 1.50 लाख पेटियां, बारिश-ओलावृष्टि से खराब, बागवानों पर आया संकट

सेब की 1.50 लाख पेटियां, बारिश-ओलावृष्टि से खराब, बागवानों पर आया संकट

कुल्लू घाटी में सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिले में करीब एक लाख 50,000 सेब पेटियां लगातार बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ की भेंट चढ़ गई हैं। बागवानी विभाग की ओर से एकत्रित नुकसान के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। मौसम के बदले तेवर से जिले में सेब को 13.16 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसमें सेब का लगभग 2745 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

जिला कुल्लू में 90 प्रतिशत करीब लोग बागवानी से जुड़े हैं। लगभग 27,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की खेती की जा रही है। घाटी में 75,000 परिवारों की आर्थिकी का आधार सेब है, मगर इस साल सेब की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर अब तक मौसम का कहर जारी है। सेब बगीचों में फ्लावरिंग और सेटिंग से लेकर मौसम लगातार बरस रहा है और जून तक पहाड़ों में बर्फबारी और निचले इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी रहा।

बागवान अमर सिंह, निहाल सिंह, प्रकाश चंद, लीला प्रसाद, देवी सिंह और नरोत्तम सिंह का कहना है कि पहले बारिश और बर्फबारी से हुई ठंड के कारण फ्लावरिंग और सेटिंग खराब हो गई। खासकर उन जगह पर इसका अधिक असर पड़ा, जहां पहाड़ियां बर्फ से लकदक रहीं। सेब के दाने की प्रक्रिया शुरू होने से बाद ओले और अंधड़ ने बची कसर पूरी कर दी। उन्होंने कहा कि कई इलाके ऐसे हैं, जहां सेब की 70 से 80 प्रतिशत फसल पूरी तरह बरबाद हो गई है।

बागवानी विभाग के विशेषज्ञ किशोरी लाल ठाकुर ने कहा कि सेब के लिए मौसम अनुकूल नहीं चल रहा है। लगातार मौसम खराब रहने से सेब की सभी तरह की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। उपनिदेशक बीएम चौहान ने कहा कि मार्च से लेकर अभी तक जिला कुल्लू में 13.16 करोड़ की फसल को नुकसान पहुंचा है। कहा कि फील्ड रिपोर्ट में जिला में बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ से 2745 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की फसल प्रभावित हुई है। कहा कि मौसम की सबसे अधिक मार बाह्य सराज आनी-निरमंड में पड़ी है।

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